अपेक्षाओं की चादर – दीपा माथुर : Moral Stories in Hindi

Post View 3,308 सूरज ढलने को आतुर था ऐसा लगता था की धीरे धीरे पृथ्वी  की गोद में समा जायेगा। पर ऐसा होता तो नही है सूरज कब ढलता है हमने तो सुना है। पृथ्वी घूमती है। सूरज तो यहां से ढला और अमेरिका में दिखने लगेगा। सच में जो दिखता है वो सच थोड़े … Continue reading अपेक्षाओं की चादर – दीपा माथुर : Moral Stories in Hindi