अपेक्षाओं की चादर – दीपा माथुर : Moral Stories in Hindi

Post Views: 3 सूरज ढलने को आतुर था ऐसा लगता था की धीरे धीरे पृथ्वी  की गोद में समा जायेगा। पर ऐसा होता तो नही है सूरज कब ढलता है हमने तो सुना है। पृथ्वी घूमती है। सूरज तो यहां से ढला और अमेरिका में दिखने लगेगा। सच में जो दिखता है वो सच थोड़े … Continue reading अपेक्षाओं की चादर – दीपा माथुर : Moral Stories in Hindi