अपनापन – नताशा हर्ष गुरनानी

Post View 1,138 नई नई नौकरी लगी घर से दूर दूसरे शहर में, यहां किराए का घर लिया, घर के सामने बुजुर्ग दंपति रहते थे। मैं भी संयुक्त परिवार में रही हूं इस तरह उनको अकेले देखकर मन बार बार उनके बारे में सोचने लगता। सुबह ऑफिस जाती तो देखती दादी दादा जी को कांपते … Continue reading अपनापन – नताशा हर्ष गुरनानी