अन्याय या मजबूरी – कमलेश राणा

Post View 178 शालिनी अपने पिता की चार संतानों में सबसे बड़ी थी। पिता मजदूरी करते और माँ सब्ज़ी का ठेला लगाती थी। गरीबों के बच्चे जल्दी ही बड़े और समझदार हो जाते हैं जिंदगी की पाठशाला उन्हें लोगों की नज़रें और उनकी तासीर पढ़ना अच्छे से सिखा देती है।  शालिनी 10 साल की उम्र … Continue reading अन्याय या मजबूरी – कमलेश राणा