Post View 758 शाम का समय था । सूर्य देवता अस्तांचल की ओर रवाना करनें लगे थे । पक्षी वृन्द अपनें अपनें नीड़ की ओर वापस हो रहे थे । वातावरण में अंधेरा छाने लगा था। अंधेरे में डूबते इस दृश्य को देखकर सुनीता का मन उदासी के सागर में खोने लगा । वह सोंचने … Continue reading अनुरोध – गोमती सिंह
Copy and paste this URL into your WordPress site to embed
Copy and paste this code into your site to embed