अंतर्मन की लक्ष्मी ( भाग – 6 ) – आरती झा आद्या : Moral Stories in Hindi

Post Views: 82 विनया के परांठा बनाते हाथ यथाशीघ्र चल रहे थे और उसकी उत्सुक ऑंखें किचन से बाहर अंजना के कमरे की ओर भी उठ जा रही थी। वो चाहती तो थी कि अंजना के कमरे में जाकर थोड़ी देर उसका इंतजार करने कहे। लेकिन छह महीने का संकोच आड़े आ जा रहा था। … Continue reading अंतर्मन की लक्ष्मी ( भाग – 6 ) – आरती झा आद्या : Moral Stories in Hindi