अंतर्मन की लक्ष्मी ( भाग – 41) – आरती झा आद्या : Moral Stories in Hindi

पति को रसोई के दरवाजे पर देख अंजना का ट्रे पकड़े अंजना का हाथ कांप गया था और दिल की धड़कन बेशक बढ़ गई लेकिन चेहरे पर शून्य का भाव पसर गया। जिसे अंजना के पति ने भी महसूस किया। “तुम अपनी चाय भी ले आना।” कातर दृष्टि से अंजना की ओर देखकर उसके पति … Continue reading अंतर्मन की लक्ष्मी ( भाग – 41) – आरती झा आद्या : Moral Stories in Hindi