अंतर्मन की लक्ष्मी ( भाग – 29) – आरती झा आद्या : Moral Stories in Hindi

Post Views: 4 “वो माॅं, पूछ रही हैं कि कुछ चाहिए था क्या आपको।” मनीष के पीछे पीछे कमरे में प्रवेश करती विनया पूछती है। “तुम्हें एक बार बता तो देती कि तुम मम्मी के कमरे में हो।तुम्हारी प्रतीक्षा में यही सोफे पर सिर टिकाए सो गया था मैं। अब गर्दन भी अकड़ गई है।” … Continue reading अंतर्मन की लक्ष्मी ( भाग – 29) – आरती झा आद्या : Moral Stories in Hindi