अंतर्मन की लक्ष्मी ( भाग – 28) – आरती झा आद्या : Moral Stories in Hindi

Post View 29,180 “ये तुम क्या कह रही हो बेटा, ये सही नहीं है। घर के सारे लोग परेशान हो जाएंगे बेटा फिर कोयल और संभव भी यही हैं। अच्छा नहीं लगेगा ये सब।” विनया की बात सुनते ही लेटी हुई अंजना उठ कर बैठ गई। “इसमें बुराई क्या है माॅं। हम सब तो होंगे … Continue reading अंतर्मन की लक्ष्मी ( भाग – 28) – आरती झा आद्या : Moral Stories in Hindi