अंतर्मन की लक्ष्मी ( भाग – 22) – आरती झा आद्या : Moral Stories in Hindi

Post Views: 3 “आ गईं महारानी घूम घाम कर।” विनया को देखते ही बड़ी बुआ ताना लिपटे हुए शब्दों के साथ उसका स्वागत करती हैं। “आपके मुॅंह में घी शक्कर बुआ जी।” चरण स्पर्श करती हुई विनया कहती है। विनया की हाजिरजवाबी पर संपदा खिलखिला कर हॅंस पड़ी और बुआ और बुआ के बगल में … Continue reading अंतर्मन की लक्ष्मी ( भाग – 22) – आरती झा आद्या : Moral Stories in Hindi