अंतर्मन की लक्ष्मी ( भाग – 14) – आरती झा आद्या : Moral Stories in Hindi

Post View 52,712 “संपदा कुछ बोलोगी।” संपदा बिना कुछ उत्तर दिए अपने कमरे की ओर बढ़ ही रही थी कि मनीष फिर से गरज उठा था। “वो भैया भाभी ने जिद्द की थी इसीलिए”…. हड़बड़ाती हुई संपदा बोल गई। “मैं जानता था, ये इसकी ही सिखाई–पकाई है।” उंगली से विनया की ओर प्वाइंट करता हुआ … Continue reading अंतर्मन की लक्ष्मी ( भाग – 14) – आरती झा आद्या : Moral Stories in Hindi