अन्तर्मन की गांठ – पुष्पा जोशी 

Post View 625 सूर्यास्त का समय था। सूर्य की लालिमा क्षितिज पर छाई हुई थी। फूलों की सुगंध से वातावरण सुगंधित हो रहा था। पक्षी कोलाहल करते हुए आसमान में उड़ रहे थे। रंग-बिरंगे मेघ अठखेलियां कर रहे थे। मनमोहक वातावरण था,मगर अवनी के मन में बेचैनी थी। जब अंतर्मन उलझा हो, तो बाह्य सारे … Continue reading अन्तर्मन की गांठ – पुष्पा जोशी