Post View 888 “माँ! मुझे आपसे कुछ कहना है।” अंकिता ने रसोई घर में काम कर रही सुरभि से कहा। “हाँ,बोलो बेटा।” “माँ! वो मैं……..” अंकिता चुप हो गई। “बोलो, बेटा! इतना झिझक क्यों रही हो?” सुरभि ने अंकिता के चेहरे पर नजरें गड़ाते हुए कहा। “माँ, मुझसे एक गलती हो गई।”अंकिता ने एक अल्पविराम … Continue reading “अंतर्द्वंद” – ऋतु अग्रवाल
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