अनजान मंजिल – बालेश्वर गुप्ता

Post Views: 55  अरे रमा तुझे क्या हुआ ,सुबह तक तो ठीक थी?      कुछ नही ललिया, हॉस्पिटल तक गयी थी,सब ठीक हो गया है।     क्या ठीक हो गया है? मुझे वो ही हो गया है, जो झुमरी को हुआ है, मुझे भी एक ग्राहक मिल गया है, ललिया, डॉक्टर साहब  पूरे दो लाख रुपये दिला … Continue reading  अनजान मंजिल – बालेश्वर गुप्ता