अंजाम – बालेश्वर गुप्ता : Moral Stories in Hindi

Post View 24 भाई जी मेरी औकात दो लाख रुपयों के देने की नही है।मेरे छोटे छोटे बच्चे है,भाई जी हम पर तरस खाओ। अ—छ–छा, तेरी औकात दो लाख देने की नही है।तो ठीक है फिर हो गया फैसला अब तुझे एक हफ्ते में ढाई लाख भेजने है। भाई जी– ये क्या?  क्यों, और रियायत … Continue reading अंजाम – बालेश्वर गुप्ता : Moral Stories in Hindi