अंगूठी –कहानी–देवेंद्र कुमार

Post Views: 7 मुझे पुस्तकों से प्यार है ,इसलिए दिन में कई बार उस अलमारी के पल्ले खोलता-बंद करता हूँ जिसमें मेरी प्रिय पुस्तकें रखी हुई हैं ,और वहीँ रखी है एक छोटी सी सुंदर डिबिया। मैं उसे आपके सामने खोल रहा हूँ ताकि आप भी उसमें रखी छोटी सी अंगूठी को देख सकें। यह … Continue reading अंगूठी –कहानी–देवेंद्र कुमार