अंगूठी   –  गीता वाधवानी

Post Views: 221 एक दिन सुबह सुबह अचानक मन हुआ कि चलो आज बाग में सैर कर ली जाए और मैं सुबह 6:00 बजे पहुंच गई बाग में। आधे घंटे की सैर करने के बाद मैं थककर एक बैंच पर बैठ गई। तभी अचानक मैंने देखा की बगिया की हरी हरी घास में कुछ चमक … Continue reading अंगूठी   –  गीता वाधवानी