अंधकार से प्रकाश – बालेश्वर गुप्ता

Post Views: 4             देखो रमेश, सूर्य ढलने को है,फिर अंधेरा छा जायेगा।ये अंधेरा कितना डरावना होता है ना?सच मे मेरा वश चले तो सूर्य को कभी अस्त ना होने दूँ।     माधवी,ये तो है कि अंधेरा किसी को भी अच्छा नही लगता,सब यही चाहते है सूर्य सदैव चमकता ही रहे।पर माधवी यदि ऐसा हो भी जाये … Continue reading अंधकार से प्रकाश – बालेश्वर गुप्ता