अनदेखा सपना – स्मिता टोके “पारिजात” 

Post View 1,637 शॉप में साड़ियों का पेमेंट करके जैसे ही मैं पीछे मुड़ी सामने जाना पहचाना चेहरा देखकर मेरी ख़ुशी का ठिकाना नहीं रहा । दमकता चेहरा उसकी खुशहाल ज़िंदगी की कहानी कह रहा था । सहसा वह बुझी-बुझी सी रहनेवाली अनुभा याद आ गई ।  “मनू ,कहाँ खो गई ?” अनुभा मुस्कुराते हुए … Continue reading अनदेखा सपना – स्मिता टोके “पारिजात”