अनदेखा सपना – स्मिता टोके “पारिजात”
Post View 1,914 शॉप में साड़ियों का पेमेंट करके जैसे ही मैं पीछे मुड़ी सामने जाना पहचाना चेहरा देखकर मेरी ख़ुशी का ठिकाना नहीं रहा । दमकता चेहरा उसकी खुशहाल ज़िंदगी की कहानी कह रहा था । सहसा वह बुझी-बुझी सी रहनेवाली अनुभा याद आ गई । “मनू ,कहाँ खो गई ?” अनुभा मुस्कुराते हुए … Continue reading अनदेखा सपना – स्मिता टोके “पारिजात”
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