अनदेखा अनोखा अनमोल त्याग –  नीतिका गुप्ता 

Post Views: 7 निशा; बारात बस आने ही वाली होगी…. ले यह जीजी के कंगन….. जीजी हमेशा कहती थीं ,”यह कंगन तो बस मैं मेरी निशा को ही दूंगी”…ले संभाल जीजी की अमानत…. अपने लहंगे के दुपट्टे से वह अपनी आंखों के कोर को साफ कर रही थीं। उफ मौसी; अगर तुमने यह रोना-धोना मचाया … Continue reading अनदेखा अनोखा अनमोल त्याग –  नीतिका गुप्ता