अनछुआ पल – डॉ पुष्पा सक्सेना

Post View 12,573 फूल लगा रही हो? तुम्हारी उम्र अब क्या फूल लगाने की है?सिर के निकट पहुंचा हाथ वहीं थम गया। दृष्टि पति के मुख पर स्थिर हो गई। अधखुले होंठों से एक प्रश्न बाहर आने को बेचैन हो उठा-जब उम्र थी तो क्या तुमने कभी लगाया था? लगाना तो दूर, कभी कहा भी … Continue reading अनछुआ पल – डॉ पुष्पा सक्सेना