अनारकली – अंजना वर्मा : Moral Stories in Hindi
Post View 1,057 “ऐ! चुप रह। जब देखो तब मुस्कुराती रहती है, ठी-ठी-ठी-ठी हँसती रहती है। न कोई सोच, न कोई चिंता। थोड़ी भी शरम है?” दीपा की भाभी ने कहा। “किस बात की शरम भाभी? क्या किया है मैंने? कौन-सा ग़लत काम किया है जो शरमाऊँ?” दीपा बोली। “क्या किया है? मुझसे पूछती है? … Continue reading अनारकली – अंजना वर्मा : Moral Stories in Hindi
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