अनाम रिश्ता – डॉ रश्मि शील : Moral Stories in Hindi

Post View 80,898 ‘दीदी, समझ में नहीं आ रहा, कैसे कहूँ, अब तुम ही माँ को संभालो ।’ लक्ष्य की बातों में तल्खी थी। ‘क्या हुआ उन्हें ? अभी कल ही तो मेरी बात हुई है उनसे, तब तो ठीक थीं, मैंने पूछा ‘अरे, उन्हें कुछ नहीं हुआ, उन्होंने तो हम लोगों का जीना हराम … Continue reading अनाम रिश्ता – डॉ रश्मि शील : Moral Stories in Hindi