अनाम रिश्ता – डॉ पुष्पा सक्सेना 

Post View 3,525 “ये पोटली बांध कर कहां चलीं, माँजी?”जस्सी के घर से बाहर जाने के उपक्रम पर निम्मो बहू ने आवाज़ लगाई। “आज सरसों का साग पकाया था, भाई जी को बहुत अच्छा लगता है। थोड़ा सा साग और चार मकई की रोटी ले जा रही हूं।“जस्सी ने धीमी आवाज़ में कहा। “बहुत सेवा … Continue reading अनाम रिश्ता – डॉ पुष्पा सक्सेना