अम्माजी , आंखें खोलो बस…….। – डॉ. विभा कुमरिया शर्मा : Moral Stories in Hindi

Post View 67 तू क्या जाने हम तो राजा – महाराजा के बच्चे हैं ,जो राजपाट और शान -शौकत हमने अपने मायके में देखी है ना वह ससुराल में और तुम्हारे पापा से नहीं मिली , कुछ ना ही कहूं तो अच्छा है।‌ अरे कहां कर सकते थे हमारा मुकाबला यह लोग ? अम्माजी ससुराल … Continue reading अम्माजी , आंखें खोलो बस…….। – डॉ. विभा कुमरिया शर्मा : Moral Stories in Hindi