अम्मा_की_दुकान – पुष्पा कुमारी “पुष्प” : Moral Stories in Hindi

Post View 673 “आइए भैया जी! अभी-अभी ताजा फूल लाया हूंँ, कहिए क्या-क्या दे दूं?” संतोष को अपनी दुकान की ओर आते देख फूल विक्रेता हरिहर मुस्कुराया। “एक बढ़िया सा ताजा फूलों का तोरण और गेंदे की एक माला के साथ रजनीगंधा के कुछ फूल भी दे देना।” मंदिर के बगल वाले फूलों की दुकान … Continue reading अम्मा_की_दुकान – पुष्पा कुमारी “पुष्प” : Moral Stories in Hindi