Post View 1,724 ” सर आपसे रमेश जी मिलने आए हैं”, मेरे चपरासी विनोद ने आकर जब यह मुझसे कहा तब अजीब सा मन हो गया था मेरा लेकिन महज औपचारिकता के कारण मुझे उनसे मिलने बाहर आना पड़ा। ” बेटा, आप मुझे यहां देख कर अवश्य ही असमंजस में पड़ गए होंगे लेकिन क्या … Continue reading आखिर कब तक? – शालिनी गुप्ता
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