अकेली मां बेहतर है या धोखेबाज पिता का साथ – नीतिका गुप्ता 

Post Views: 50 सुबह-सुबह की आपाधापी में श्रुति अपने सारे काम जल्दी जल्दी निपटा रही थी। बेटी काव्या को स्कूल बस में बैठा दिया था और अब वह चाय का कप हाथ में लेकर काव्या का दोपहर का लंच और अपने लिए टिफिन भी तैयार कर रही थी। श्रुति की रोज की यही दिनचर्या थी … Continue reading अकेली मां बेहतर है या धोखेबाज पिता का साथ – नीतिका गुप्ता