अकेलापन – बालेश्वर गुप्ता : Moral Stories in Hindi
Post View 1,025 अचानक पटाखों की तेज आवाजों से जानकी की आंखे खुल गयी।बड़ी मुश्किल से झपकी लगी थी,अचानक इत्ती रात को पटाखे?भला कोई ऐसा क्यों कर रहा है?इस उम्र में वैसे ही बड़ी मुश्किल से नींद आती है,अब आयी थी तो पटाखों ने तोड़ दी।बड़बड़ाती हुए जानकी उठ कर बॉलकोनी में आकर नीचे झांकने … Continue reading अकेलापन – बालेश्वर गुप्ता : Moral Stories in Hindi
Copy and paste this URL into your WordPress site to embed
Copy and paste this code into your site to embed