एहसासों की तुरपाई – कमलेश राणा

Post View 187 ओहो.. आज फिर देर हो गई चाहे जितना जल्दी जल्दी काम करूँ फिर भी घड़ी की सुई से हार ही जाती हूँ। ऑफिस पहुँचते ही सबकी नजरें ऐसे देखती हैं मानो कोई चोरी पकड़ ली हो… निधि लगभग दौड़ती हुई बस स्टैंड की ओर जा रही थी और साथ ही मन ही … Continue reading एहसासों की तुरपाई – कमलेश राणा