“अहंकार की आग”- डॉ अनुपमा श्रीवास्तवा

Post View 93,762 करीने से सजी हुई मिठाई की टोकरियों में से मोनू ने धीरे से एक मिठाई निकाल ली। छोटे भाई ने देखा तो वह भी धीरे-धीरे टोकरियों के पास सरकते हुए गया और जैसे ही एक टोकरी में हाथ डाला माँ कमरे में से चीखते हुए आई-” नालायक कहीं का….बोली थी न कि … Continue reading  “अहंकार की आग”- डॉ अनुपमा श्रीवास्तवा