Post View 1,052 शाम को पांच बज रहे थे। ऊंघते हुए चपरासी ने घड़ी की और उनींदी नजरों से देखा और एकदम मुस्तैद हो गया, टन टन टन….. जोर से घंटी की आवाज स्कूल परिसर में गूंजने लगी। स्कूल की सभी कक्षों में से झुण्ड के झुण्ड बालिकाएँ बन्दूक की गोली की तरह बाहर निकल … Continue reading अहं के घेरे – विजय शर्मा
Copy and paste this URL into your WordPress site to embed
Copy and paste this code into your site to embed