अगले जन्म में मिलेंगे – मुकुन्द लाल

Post View 4,067 दशकों बाद जब विशाल अपने गांँव गया तो उसके कदम अनायास ही उस खंडहरनुमा भवन की ओर बढ़ गए। उसके समीप पहुंँचने पर पहले की तरह ही वह ध्वस्त  विल्डिंग जो कभी खूबसूरत इमारत हुआ करती थी के पास से गुजरने वाले सोता के जल की कल-कल ध्वनि सन्नाटे को भंग कर … Continue reading अगले जन्म में मिलेंगे – मुकुन्द लाल