अफसोस बस इसी बात का – रोनिता कुंडु : Moral Stories in Hindi

Post View 69,894 क्या देख रही हो अरुणा? अफसोस हो रहा है? यह सोच कर के काश मैं अपनी हठ छोड़ दी होती तो आज हम शर्मा जी के जैसे ही सपरिवार दिवाली मना रहे होते! सच बताओ उन्हें ही देख रही हो ना तुम? अशोक जी ने अपनी पत्नी अरुणा से कहा  अरुण जी: … Continue reading अफसोस बस इसी बात का – रोनिता कुंडु : Moral Stories in Hindi