अधूरी ख़्वाहिश – कामेश्वरी करी

Post Views: 12 जानकी पाँच बजे ही उठ गई ।बाहर आकर घर के सामने रंगोली डालने लगी ।उनके घर का रिवाज है कि रोज सबेरे घर के मुख्य दरवाज़े के सामने काम करने वाली बाई पानी छिड़क कर जाते ही रंगोली बनाना है ।यह रंगोली रोज जानकी ही बनाती है । संक्रांति के त्योहार के … Continue reading अधूरी ख़्वाहिश – कामेश्वरी करी