अधूरे थे…पूरे हो गये – विभा गुप्ता : Moral stories in hindi
Post View 2,071 बावन वर्षीय मनोहर बाबू हाथ में लिये अपने परिवार की तस्वीर को एकटक निहारे जा रहे थे और उनकी आँखों से अविरल अश्रुधारा बहे जा रही थी।अपने बच्चों के नाम बुदबुदा रहे थे तभी घर का पुराना नौकर रामू काका आकर बोले,” बड़े बाबू… खाना खा लीजिए…सात दिन हो गये हैं… आपने … Continue reading अधूरे थे…पूरे हो गये – विभा गुप्ता : Moral stories in hindi
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