अधूरे थे…पूरे हो गये – विभा गुप्ता  : Moral stories in hindi

Post Views: 3       बावन वर्षीय मनोहर बाबू हाथ में लिये अपने परिवार की तस्वीर को एकटक निहारे जा रहे थे और उनकी आँखों से अविरल अश्रुधारा बहे जा रही थी।अपने बच्चों के नाम बुदबुदा रहे थे तभी घर का पुराना नौकर रामू काका आकर बोले,” बड़े बाबू… खाना खा लीजिए…सात दिन हो गये हैं… आपने … Continue reading अधूरे थे…पूरे हो गये – विभा गुप्ता  : Moral stories in hindi