आधुनिक राक्षस – कमलेश राणा

Post Views: 3 आज मन बहुत उद्विग्न है, ऐसा लग रहा है जैसे दिल को किसी ने मुट्ठी में दबाकर निचोड़ दिया हो,, कोई इंसान इतना निकृष्ट कैसे हो सकता,, यह ख्याल दिल दिमाग से निकल ही नहीं रहा,, आज समझ पा रही हूँ जल से निकली मछली गरम रेत पर तड़पते हुए कैसा महसूस … Continue reading आधुनिक राक्षस – कमलेश राणा