अध्यापक-  -देवेंद्र कुमार

Post View 3,871 रामेश्वर कभी खाली बस में नहीं चढ़ता। वह हमेशा उस बस में चढ़ता है, जिसमें यात्री ठसाठस भरे होते हैं। कोई उससे इसका कारण जानना चाहे तो वह हँसकर रह जाएगा। जवाब उसकी आंखें दे रही होंगी, ‘क्या किया जाए अपना धंधा ही ऐसा है।’ बस में रामेश्वर की आंखें उस काली … Continue reading अध्यापक-  -देवेंद्र कुमार