अद्भुत चाहत – भगवती सक्सेना गौड़

Post View 138 गुप्ता जी अपनी बेटी माधुरी को बुला बुला कर परेशान हो रहे थे, कहाँ हो, देखो तो दरवाजे की घंटी कोई बजा रहा है, लीना आयी होगी, कोई खोल ही नही रहा। भागते भागते दूसरे कमरे से माधुरी आई, और फिर वही रोज वाली बात से परेशान होकर अपने काम में लग … Continue reading अद्भुत चाहत – भगवती सक्सेना गौड़