अभी तो बेटी बाप की है। – अनु अग्रवाल
Post View 264 “ये लड़की भी न………ब्याह को बस कुछ ही दिन रह गए हैं……और ये अभी तक घोड़े बेचकर सो रही है……भगवान जाने क्या होगा इसका तो”- सुलक्षणा जी सुबह-सुबह गौरी के कमरे की खिड़की खोलते हुए बोले जा रहीं थीं। “माँ मैं ये शादी नहीं कर सकती”-जैसे ही गौरी के ये शब्द सुलक्षणा … Continue reading अभी तो बेटी बाप की है। – अनु अग्रवाल
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