अभागन बनी सौभाग्यवती : गीता चौबे गूँज : Moral Stories in Hindi
Post View 47,330 ”अरे कुलक्षिणी! कहाँ मर गयी… कब से चाय माँग रही हूँ… पता नहीं कब यह मनहूस इस घर से जायगी! जन्म लेते ही माँ को खा गयी और महीने भर बाद बाप को…” आए दिन रूपा की चाची रूपा पर इस तरह के व्यंग्य-बाण बरसाती रहती। रूपा को अपना असली नाम तो … Continue reading अभागन बनी सौभाग्यवती : गीता चौबे गूँज : Moral Stories in Hindi
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