अब सर्दियों में ठंड से नहीं पर अपनेपन और प्यार से कंपकपी सी लगती है…… – भाविनी केतन उपाध्याय
Post View 654 ” प्रणाम मौसी जी,कैसी है आप और मौसम कैसा है ? “ ” अरे वाह..!! आज तो मेरे भाग खुल गए भई, बड़े दिनों बाद इस बुढ़ी मौसी को कैसे याद किया ? मौसम का तो क्या कहने कभी ठंड तो कभी गर्म जैसा अपना मिजाज .!!” ” मौसी जी, अगर आप … Continue reading अब सर्दियों में ठंड से नहीं पर अपनेपन और प्यार से कंपकपी सी लगती है…… – भाविनी केतन उपाध्याय
Copy and paste this URL into your WordPress site to embed
Copy and paste this code into your site to embed