अब नाटक बंद करो – रश्मि प्रकाश : Moral Stories in Hindi

“ बंद करो ये घड़ियाली आँसू बहाना … आज ये जो कुछ भी हुआ है उसकी वजह बस तुम हो तुम।” तमतमाते हुए नितिन ने अपनी पत्नी पूर्णिमा को कहा और परे धकेल दिया  सामने ज़मीन पर पिता का निर्जीव शरीर पड़ा हुआ था उसकी माँ छाती पीट पीट कर रो रही थी  अपने ही … Continue reading अब नाटक बंद करो – रश्मि प्रकाश : Moral Stories in Hindi