अब मैं नहीं हूॅ॑, ‘फाॅर ग्रांटेड’! – प्रियंका सक्सेना : Moral stories in hindi
Post View 4,184 काव्या ने ड्राइंग रूम के बगल में ऊपर जाती सीढ़ियों पर लगी पेंटिंग्स देखकर पूछा,”वाह मोनिका कितनी खूबसूरत पेंटिंग्स हैं, तुमने पेंटिंग सीखी है क्या?” जब तक मोनिका कुछ बताती काव्या तो पेंटिंग्स के पास पहुंच चुकी थी। मोनिका ने सिर्फ सिर हिला कर मना किया कि उसने पेंटिंग्स नहीं बनाईं हैं … Continue reading अब मैं नहीं हूॅ॑, ‘फाॅर ग्रांटेड’! – प्रियंका सक्सेना : Moral stories in hindi
Copy and paste this URL into your WordPress site to embed
Copy and paste this code into your site to embed