अब है संघर्ष – गुरविंदर टूटेजा 

Post View 632 दिव्या दादी की गोद में सिर रखकर बैठी है उसके आँसू लगातार बह रहें हैं…दादी पापा हमें छोड़कर क्यूँ चले गये मैं क्या करूँगी दादी…पापा दोनों  भाईयों (सनी व वंश ) को हमेशा कहते थे कि मेरी बेटी को कुछ मत कहा करों इसने तो एक दिन विदा होकर चलें जाना हैं…पर … Continue reading अब है संघर्ष – गुरविंदर टूटेजा