अब भूगतो अपने कर्मों का फल- बीना शर्मा  : Moral Stories in Hindi

शकुंतला आंगन में बैठकर अखबार पढ़ रही थी की तभी उसका बेटा रवि आकर उसके पास बैठ गया और दुखी स्वर में बोला,”जिस संतान के नाम मैंने अपनी सारी दौलत  कर दी आज वहीं संतान  मुझे धोखा दे रही है खुद पर हर महीने  हजारों रूपये खर्च करता है और मुझे मेरी जरूरत के लिए भी पैसे देने को मना कर देता है

कई दिनों से कह रहा हूं कि गर्मी बहुत पड़ रही है कमरे में कूलर लगवा दे परंतु, मेरी बात सुनता ही नहीं कहता है कूलर लगवा कर पैसा बर्बाद मत करो है पंखा लगवा तो रखा है आपके कमरे में” बहुत दुख होता है औलाद के ऐसे व्यवहार को देखकर बहुत बार समझाया मैंने लोकेश को कि तुम मेरे साथ ऐसा मत कर परंतु, वह मानता ही नहीं है।”

   रवि की बात सुनकर शकुंतला के चेहरे पर एक दर्द भरी मुस्कान तैर गई थी रवि उनका इकलौता बेटा था जिसे उसके पति सोमनाथ और उन्होंने बड़े ही प्रेम से पाल पोस कर बड़ा किया था उसकी इच्छा अनुसार शिक्षा दिलवाई ताकि वह अपने पैरो पर खड़े होकर आत्मनिर्भर बन सके और वृद्धावस्था में उनकी अच्छी सेवा कर सके लेकिन कई जगह बड़ी-बड़ी कंपनी में इंटरव्यू देने के बाद भी जब लोकेश की नौकरी नहीं लगी तब सोमनाथ ने अपनी नौकरी से रिटायर होने के बाद उन्हें जो पैसे मिले थे

उनसे कुछ जमीन खरीद कर उन्होंने उस पर कुछ दुकान और कमरे बनवा दिए थे जिन्हें किराए पर देने के बाद उन्हें काफी पैसा मिल जाता था जिनसे वे आराम से अपनी जरूरते  पूरी कर लेते थे और कुछ पैसा बचा भी लेते थे। एक दिन इंटरव्यू में असफल रहने के बाद जब रवि दुखी मन से घर लौटा तो वह अपनी मम्मी शकुंतला से बोला, आज के बाद में नौकरी के लिए इंटरव्यू देने कहीं नहीं जाऊंगा”बेटे की बात सुनकर शकुंतला भी परेशान हो गई थी।

   उसी दौरान रवि के विवाह योग्य होने के कारण उसकी शादी के लिए काफी रिश्ते आने लगी थी परंतु, रवि के बेरोजगार होने के कारण हर लड़की उसके साथ शादी करने से इनकार कर देती थी जिससे रवि और भी मायूस हो गया था तब बेटे का दुख दूर करने के लिए शकुंतला ने अपने पति से कहकर  दुकान व कमरों का किराया और एक दुकान में राशन का सामान भरवा कर  रवि से करने को बोल दिया था ताकि उसके माथे से बेरोजगार होने का ठप्पा दूर हो जाए और विवाह के साथ-साथ उसकी आर्थिक स्थिति सुधर जाए।

    शकुंतला का प्रयास सफल रहा जिससे कुछ समय बाद ही रवि की शादी धूमधाम से आनंदी के साथ हो गई शादी के कुछ समय तक तो रवि का उनके प्रति व्यवहार अच्छा रहा परंतु, कुछ समय बाद ही उनके प्रति रवि के व्यवहार में परिवर्तन आने लगा था वह दुकान से होने वाली आय  और किराए के मिलने वाले पैसों पर सिर्फसी मैं ही काम करता हूं तो सारे पैसों पर सिर्फ मेरा हक है “यह कहकर अपना हक जताने लगा था

जब उसकी मर्जी होती अपनी पत्नी के साथ कई कई दिनों के लिए बाहर घूमने के लिए निकल जाता था और जब वहां से वापस आता तो सिर्फ अपने और अपनी पत्नी के लिए ढेर सारी वस्तुएं खरीद कर लाता था जब सोमनाथ और शकुंतला अपनी जरूरत के लिए रवि से पैसे मांगते तो रवि यह कहकर उन्हें पैसे देने से इनकार कर देता की अभी मेरे पास पैसे नहीं है बेटे की ऐसी बात सुनकर उन्हें बहुत दुख होता था।

   कुछ समय बाद रवि को भी एक पुत्र की प्राप्ति हुई जिसका नाम रवि ने लोकेश रखा रवि ने लोकेश की शिक्षा  पर काफी पैसा खर्च किया था ताकि वह एक कामयाब इंसान बने परंतु, काफी कोशिश करने के बाद भी जब लोकेश कोई नौकरी पाने में कामयाब नहीं हुआ तो रवि उसे अपने साथ दुकान पर बिठाने लगा था

जिसने धीरे-धीरे दुकान के साथ-साथ पूरे किराए को भी अपने नाम करवा कर पूर्ण रूप से अपने अधिकार में ले लिया था फिर अपने मम्मी पापा को ही बात बात पर उनके खर्चो के लिए पैसे ना देकर उन्हें बे वजह पैसा बर्बाद करने के लिए ताने मारने लगा था जिसे आहत होकर रवि अपना दुख बाटने  अपनी मम्मी शकुंतला के पास पहुंच गया था।

   रवि की बात सुनकर शकुंतला मुस्कुराते हुए बोली” बेटे जब बोया पेड़ बबूल का तो आम कहां से होय” यहीं जीवन का  सच है तुमने भी तो हमारे साथ यही किया था हमारे ही पैसों के मालिक बनकर हमें अपनी जरूरत की वस्तुओं के लिए भी तरसा दिया था वह तो शुक्र है कि तेरे पापा और मेरी दोनों की पेंशन बनी हुई थी

जिससे हमारा गुजारा चल जाता था और हमें किसी से भीख मांगने की जरूरत ना पडी अब भुगतो  अपने कर्मों का फल”शकुंतला की बात सुनकर रवि शर्मिंदा हो गया था विधाता ने उसे उसके जैसा बेटा देकर अच्छा सबक सिखा दिया था।जीवन में अच्छा पाने के लिए अच्छे कर्म करो अपनों को धोखा देने की बजाय उनकी सेवा करो उनकी जरूरत का पूरा ध्यान रखो ताकि आपका आने वाला जीवन  अभावो में ना कटे और एक बात जरूर याद रखें अपनी पूरी संपत्ति कभी भी अपनी संतान के नाम ना करें अन्यथा संतान जरूरत पड़ने पर अपने ही माता-पिता को पाई पाई के लिए तरसा देती है यह एक दुख भरी सच्चाई है।

बीना शर्मा 

#यह जीवन का सच है

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