आत्मसम्मान – निभा राजीव”निर्वी” : Moral Stories in Hindi
Post View 2,654 ऋषि दवाइयों की दुकान पर सिरदर्द की दवा लेने पहुंचा। वहां पहले से ही एक छरहरी सी सुंदर युवती खड़ी थी। ऋषि ने जब दवा का नाम कहा तो केमिस्ट ने कहा,-” सॉरी सर, उस दवा की तो हमारे पास एक ही पत्ती थी जो मैंने इन मैडम को दे दी है।” … Continue reading आत्मसम्मान – निभा राजीव”निर्वी” : Moral Stories in Hindi
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