आत्मसम्मान – निभा राजीव”निर्वी” : Moral Stories in Hindi

Post Views: 15 ऋषि दवाइयों की दुकान पर सिरदर्द की दवा लेने पहुंचा। वहां पहले से ही एक छरहरी सी सुंदर युवती खड़ी थी। ऋषि ने जब दवा का नाम कहा तो केमिस्ट ने कहा,-” सॉरी सर, उस दवा की तो हमारे पास एक ही पत्ती थी जो मैंने इन मैडम को दे दी है।”  … Continue reading आत्मसम्मान – निभा राजीव”निर्वी” : Moral Stories in Hindi