आत्मसम्मान – माधुरी गुप्ता : Moral Stories in Hindi

Post Views: 27 जैसे जैसे रामदीन काका का गांव , पास आता जारहा था सेठ गिरिधर दास जी केदिल की धड़कन तेज होती जारही थी और ऐसी की कार में बैठे हुए भी उनको पसीना आरहा था।यह सोच सोच कर उनको शर्मिन्दगी महसूस हो रही थी कि किस तरह बेइज्जत करके उन्होंने अपनी बहू नमिता … Continue reading आत्मसम्मान – माधुरी गुप्ता : Moral Stories in Hindi