आत्मसम्मान – डाॅक्टर संजु झा : Moral Stories in Hindi
Post Views: 119 आसमान में सुबह से सूरज बादलों की ओट लेकर आँख-मिचौनी खेल रहा था।कभी बादलों की ओट में बिल्कुल छुप जाता है,कभी अचानक से बादलों की ओट से निकलकर सारी पृथ्वी को अपनी स्वर्णिम किरणों से नहला देता है।मैं(नमिता),मेरी जिन्दगी में भी इसी तरह धूप-छाँव होते रहें।उम्र के 45वें वसंत में भी मैं … Continue reading आत्मसम्मान – डाॅक्टर संजु झा : Moral Stories in Hindi
Copy and paste this URL into your WordPress site to embed
Copy and paste this code into your site to embed