आत्मग्लानि – डाॅ संजु झा : Moral Stories in Hindi

Post View 99,354 Moral Stories in Hindi : – आज रेखा जी स्तब्ध-सी बैठी हुईं थीं।जिस प्रकार बाँध ढ़ह जाने से पानी का बहाव और तेज हो जाता है,उसी प्रकार उनकी अंतरात्मा आत्मग्लानि के समंदर में डूबकर छटपटा रही थी।उनके अंतर्मन में इतनी आत्मग्लानि महसूस हो रही थी कि  इच्छा हो रही थी कि धरती … Continue reading आत्मग्लानि – डाॅ संजु झा : Moral Stories in Hindi