आस निरास भई – कमलेश राणा

Post View 240 कमलेश राणा बात 1981की है यह घटना जब भी याद आती है चेहरे पर एक बड़ी सी मुस्कुराहट आ जाती है। ट्रांसफर के अनवरत क्रम में उस समय उन दिनों हम एक छोटे कस्बे या यूँ कह लीजिये कि सड़क किनारे बसे बड़े से गांव में पहुंचे। उन दिनों वहाँ नई ब्रांच … Continue reading आस निरास भई – कमलेश राणा